यह लेख आपको देगा भये प्रगट कृपाला के हिंदी और अंग्रेजी में बोल, हिंदी में शब्दशः अर्थ, और इस चौपाई का आध्यात्मिक महत्व।
भए प्रगट कृपाला – पूरा पाठ (Bhaye Pragat Kripala Full Lyrics in Hindi)
भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला कौसल्या हितकारी।हरषित महतारी, मुनि मन हारी अद्भुत रूप निहारी॥लोचन अभिरामा, तनु घन स्यामा, निज आयुध भुजचारी।भूषन बनमाला, नयन बिशाला, सोभा सिंधु खरारी॥कौसल्या उर लागी, कर जोरी, पुलकित तनु मनु हर्षा।सुत देखि सुंदरम, अतिसु सुंदरम, मंगल भवन अम्बरसा॥वेद पुरान संत मुनि बोलें, जय जय सुरन समूहा।सुर नर मुनि जन आरत हरी, हरषित किए प्रभु दूहा॥बिपुल अनंद भयो अकुलाना, बोलि न जा गति मति॥दीनदयाल बिरिदु संभारी, हरषे त्रैलोक पती॥जय जय जय राम राम जय जय, भुज उठाई बोले।सुनि प्रकट भए अवधपति, कृपा करि कपि कोले॥सकल नगर बसुंधरा डोली, मंगल ध्वनि सोहाई।नभ ते सुरन सुरबिंद गावत, गान गान सुखदाई॥कोटि कोटि नयन चित चकोर, छबि देखति नंदन राम की।सुरपुर नारि नर मुनि मनु हारि, गावहि गुनगान धाम की॥सोई समवेत सुर सब आए, लीला देखि अधम अघ भागा।गगन गाजि जय धुनि सुनि भव भूतल, भयो आनन्द अनूपा॥यह पद तुलसीदास जी की रामचरितमानस के बालकाण्ड का हिस्सा है और भगवान श्रीराम के प्राकट्य का अत्यंत भावपूर्ण चित्रण करता है।
Bhaye Pragat Kripala – Full Lyrics in English
Bhaye pragat kripala, deen dayala, Kausalya hitkari.Harshit mahtari, muni man haari, adbhut roop nihari.Lochan abhirama, tanu ghan shyama, nij aayudh bhuj chaari.Bhushan banmala, nayan vishala, shobha sindhu kharari.Kausalya ur laagi, kar jori, pulkit tanu manu harsha.Sut dekhi sundaram, ati su sundaram, mangal bhavan ambarsa.Ved puran sant muni bole, jai jai suran samuha.Sur nar muni jan aarat hari, harshit kiye prabhu dooha.Bipul anand bhayo akulani, boli na ja gatimati.Deen dayal biridhu sambhari, harshae trailok pati.Jai jai jai Ram Ram jai jai, bhuj uthai bole.Suni pragat bhaye Avadhapati, kripa kari kapi kole.Sakal nagar basundhara doli, mangal dhwani sohai.Nabha te sur surbind gaavat, gaan gaan sukhdaai.Koti koti nayan chit chakor, chhabi dekhat nandan Ram ki.Surpur naari nar muni man haari, gaavahi gun gaan dham ki.Soyi samvet sur sab aaye, leela dekhi adham agh bhaaga.Gagan gaji jai dhvani suni, bhav bhootal bhayo anand anoopa.
भए प्रगट कृपाला – चौपाई सहित हिंदी में अर्थ
1. भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला, कौसल्या हितकारी।
अर्थ: दीनों पर कृपा करने वाले, सब पर दया करने वाले भगवान श्रीराम कौसल्या जी के हित के लिए प्रकट हुए।
2. हर्षित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी।
अर्थ: माता कौसल्या अत्यंत आनंदित हो गईं। भगवान का अद्भुत रूप देखकर मुनियों का मन भी मोहित हो गया।
3. लोचन अभिरामा, तनु घन स्यामा, निज आयुध भुजचारी।
अर्थ: भगवान के नेत्र अत्यंत सुंदर थे, शरीर घने मेघ के समान श्यामवर्ण था, और उनकी चारों भुजाओं में अपने-अपने शस्त्र थे
4. भूषण बनमाला, नयन बिसाला, शोभा सिंधु खरारी।
अर्थ: वे आभूषणों और वनमाला से सुशोभित थे, उनके नेत्र विशाल थे, और वे शोभा के समुद्र थे तथा राक्षसों के संहारक थे।
5. कौसल्या उर लागी, कर जोरी, पुलकित तनु मनु हर्षा।
अर्थ: कौसल्या जी ने अपने पुत्र को हृदय से लगाया, हाथ जोड़कर खड़ी हो गईं, और उनका तन-मन आनंद से पुलकित हो गया।
6. सुत देखि सुंदरम, अतिसु सुंदरम, मंगल भवन अम्बरसा।
अर्थ: अत्यंत सुंदर पुत्र को देखकर, आकाश में मंगलमय प्रकाश फैल गया।
7. वेद पुरान संत मुनि बोले, जय जय सुरन समूहा।
अर्थ: वेद, पुराण, संत और मुनि सबने कहा – "जय हो!" और देवताओं की सभा हर्षित हो उठी।
8. सुर नर मुनि जन आरत हरी, हरषित किए प्रभु दूहा।
अर्थ: भगवान ने देवता, मनुष्य और मुनियों के कष्टों को हर लिया, सबको आनंदित कर दिया।
9. बिपुल अनंद भयो अकुलाना, बोलि न जा गति मति॥
अर्थ: इतना अधिक आनंद फैल गया कि लोग अपनी स्थिति और बुद्धि को भी भूल गए, कुछ बोल नहीं पा रहे थे।
10. दीनदयाल बिरिदु संभारी, हरषे त्रैलोक पती॥
अर्थ: दीनों पर दया करना जिनका स्वभाव है, ऐसे भगवान ने अपने व्रत को याद किया और तीनों लोकों के स्वामी हर्षित हुए।
11. जय जय जय राम राम जय जय, भुज उठाई बोले।
अर्थ: सबने हाथ उठाकर ‘जय श्रीराम, जय श्रीराम’ का उद्घोष किया।
12. सुनि प्रकट भए अवधपति, कृपा करि कपि कोले॥
अर्थ: यह सुनकर अयोध्यापति श्रीराम प्रकट हुए और कृपा करके (भविष्य में) अपने भक्त हनुमान को गले लगाया।
13. सकल नगर बसुंधरा डोली, मंगल ध्वनि सोहाई॥
अर्थ: सम्पूर्ण नगर और पृथ्वी आनंद से हिल उठी, और हर ओर शुभ ध्वनि गूंज उठी।
14. नभ ते सुरन सुरबिंद गावत, गान गान सुखदाई॥
अर्थ: आकाश से देवता मधुर गीत गा रहे थे, जिनसे चारों ओर सुख फैल रहा था।
15. कोटि कोटि नयन चित चकोर, छबि देखति नंदन राम की॥
अर्थ: करोड़ों नेत्र चकोर पक्षियों की तरह श्रीराम की सुंदर छवि को निहार रहे थे।
16. सुरपुर नारी नर मुनि मनु हारी, गावहि गुनगान धाम की॥
अर्थ: स्वर्ग की स्त्रियाँ, देवता, मुनि – सब श्रीराम के गुणों का गान कर रहे थे, उनका मन भगवान में मोहित हो गया।
17. सोई समवेत सुर सब आए, लीला देखि अधम अघ भागा॥
अर्थ: सारे देवता एकत्र होकर भगवान की लीला देखने आए, और उनके प्रकट होते ही अधर्म व पाप दूर भाग गए।
18. गगन गाजि जय धुनि सुनि भव भूतल, भयो आनन्द अनूपा॥
अर्थ: आकाश में जयघोष गूंज उठा, और यह सुनकर धरती पर अपार आनंद छा गया।
भए प्रगट कृपाला का महत्व | Importance of Bhaye Pragat Kripala
1. भगवान राम का अवतरण
यह चौपाई भगवान राम के अवतरण की दिव्यता को व्यक्त करती है। श्रीराम का जन्म धर्म की स्थापना और अधर्म के विनाश के लिए हुआ था।
2. भक्ति का प्रतीक
इस चौपाई का पाठ भक्तों में भक्ति और श्रद्धा की भावना को जाग्रत करता है। यह रामभक्तों के लिए अत्यंत प्रिय पद है।
3. शांति और सकारात्मक ऊर्जा
इस चौपाई का नियमित पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है और नकारात्मकता दूर होती है।
4. संस्कृति और परंपरा से जुड़ाव
‘भये प्रगट कृपाला’ जैसे पद हमारी सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखते हैं और नई पीढ़ी को धर्म और संस्कृति से जोड़ते हैं।
Read More- shree Hanumanji Arti Pdf download
भए प्रगट कृपाला का पाठ कब करें?
- प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव (राम नवमी) पर
- प्रतिदिन सुबह अथवा संध्या आरती के समय
- जब आप मानसिक शांति की तलाश में हों
निष्कर्ष
‘भए प्रगट कृपाला’ एक ऐसा दिव्य पद है जो न सिर्फ भगवान श्रीराम के जन्म की कथा सुनाता है, बल्कि हमें उनकी कृपा, भक्ति और दिव्यता का भी अनुभव कराता है। इसका अर्थ जानकर जब हम पाठ करते हैं, तो हमारी आस्था और भी मजबूत होती है। यह केवल एक चौपाई नहीं, बल्कि हमारे सनातन धर्म की आत्मा है।